Farming Subsidy 2023: फ्रूट और मसालों की खेती करने पर मिलेगी बंपर सब्सिडी, जल्द करें अप्लाई
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Farming Subsidy 2023: देश की सरकार किसानों के हितों के लिए हर नए कदम उठा रही है। वहीं प्रदेश राजस्थान की सरकार ने किसानों को फायदा देने का फैसला लिया है। दरअसल, प्रदेश में किसानों की गेहूं, सरसों और मक्का जैसी सामान्य फसलों को कर अपना गुजारा नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश राजस्थान में किसान बागवानी और मसालों की खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में सरकार भी किसानों की मदद कर रही हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि अगर कोई किसान फ्रूट या अन्य किसी मसाले की खेती करता है तो उसे सरकार सब्सिडी के रूप में आर्थिक मदद देगी।
सब्सिडी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करोड़ों रुपयों को पास किया है। यदि राजस्थान के किसान फल और मसालों की खेती की ओर जाते हैं तो उन्हें 40 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। ऐसे में अगर आप इस योजना में आवेदन करने की सोच रहे हैं तो राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर कर सकते हैं।
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सरकार देगी सब्सिडी
राजस्थान सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन और कृषि विकास को लेकर हर दिन नये कदम उठा रहे हैं। ऐसे में किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश में किसानों की गेहूं, सरसों और ग्वार जैसी सामान्य खेती करते हैं और इससे वह ज्यादा कुछ कमा नहीं पाते हैं।
सरकार ने निर्देश दिया है कि किसान आधुनिक विधि से बागवानी और मसालों की खेती को अपनाते हैं तो उन्हें सरकार भी मदद करेगी। यह एक कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागवानी और मसाले के रकबे में विस्तार लाने के लिए 23.79 करोड़ रुपये पास किए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये पैसे किसानों को सब्सिडी के रूप में दिए जाएगें।
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सरकारी अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने साल 2023-24 में 7609 हेक्टेयर में फलों की खेती को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इस खेती पर सरकार सब्सिडी के रूप में 22.40 करोड़ रुपये देगी। जो किसानों को खेती करने में मदद करेगी।
मसाले की खेती का भी विस्तार किया जा रहा है जिसकी अनुदान राशि 1.39 करोड़ रुपये आएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी मिली है कि प्रदेश के सीएम गहलोत द्वारा मंजूर किए गए 23.79 करोड़ रुपये में से 17.24 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान कृषक कल्याण कोष की ओर से दी जाएगी। वहीं राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 6.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
किसानों को मिलेगी 40 प्रतिशत सब्सिडी
इस योजना की सबसे खास बात ये है कि राजस्थान में सरकार अब नहीं बल्कि पहले से ही मसालों की खेती पर सब्सिडी दे रही है। यही नहीं किसानों को किसानों को आधुनिक विधि से मसालों की खेती की ट्रेनिंग भी दी जाएगी और इस ट्रेनिंग का किसानों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
योजना के तहत अधिकतम 4 हेक्टेयर और कम से कम 0.50 हेक्टेयर में मसालों की खेती कर सब्सिडी का पैसा ले सकते हैं। जानकारों के मुताबिक किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाएगी। किसान को प्रति हेक्टेयर 5500 रुपये अनुदान के रूप में दिये जाएगें।
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
यदि आप इस राजस्थान सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो नजदीकी ई-मित्र केंद्र या राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर बिना किसी बाधा के आवेदन कर सकते हैं।
ध्यान दें कि अप्लाई करते समय किसान के पास खुद की खेत की जमाबंदी, आधार कार्ड, खेती योग्य जमीन, इलेक्ट्रिसिटी बिल, बैंक पासबुक की कॉपी और स्थानीय आवासीय प्रमाण पत्र का होना अनिवार्य है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही किसानों को सब्सिडी का पैसा दिया जाएगा।