Agriculture: समेकित खेती ने बदला किसान का लाइफस्टाइल, अब लग्जरी कार में आता है खेत
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Agriculture: देश की सरकार और किसान दोनों की बागवानी खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं समेकित कृषि प्रणाली खेती की आधुनिक तकनीक है और इस तकनीक से आप खेती कर अच्छा खासा लाभ मिलता है। इसके तहत बागवानी, पशुपालन, मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर आप भी इस तकनीक से खेती करने की सोच रहे हैं तो पहले इस किसान की सक्सेस स्टोरी (Success Story) पढ़ें।
Agriculture: समेकित कृषि प्रणाली को आप आधुनिक खेती ही कह सकते हैं। बता दें कि इस तकनीक की खेती में आप बागवानी, पशुपालन, मछली पालन कर सकते हैं। अब इन चीजों को एक दूसरे के पूरक बनाए जा रहे हैं ताकि इससे लगातार आमदनी ली जा सके।
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पढ़ें इस किसान की सक्सेस स्टोरी (Success Story)
गया जिले में एक किसान ऐसा है जो समेकित खेती के जरिए मालामाल हो रहे हैं। जी हां, हम जिस किसान के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम रवि रंजन है और यह गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के पदुमचक गांव का रहने वाला है। यह पिछले चार साल से इस तरह की खेती कर रहा है।
क्या है समेकित खेती
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समेकित कृषि प्रणाली में रवि रंजन मछलीपालन के अलावे पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन और जैविक खेती करते हैं। मुर्गियों के बीट को तालाब में मछलियों के चारा के रूप में प्रयोग किया जाता है। वहीं जानवरों के गोबर को जैविक खेती की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
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सबसे खास बात ये है कि इनका बिजनेस एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। इस स्कीम से रवि रंजन अच्छा खासा लाभ ले रहे हैं। तीन कट्ठे के तालाब से लगभग 2-3 क्विंटल मछली का उत्पादन प्राप्त होता है। वहीं बात करें 1200 स्क्वायर फीट के टैंक कि तो इसमें आप आठ क्विंटल तक मछली का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
बकरी, गाय, मुर्गी के साथ किया मछली पालन
रवि रंजन के पास वर्तमान में 1 हजार क्षमता का मुर्गी शेड है। इसमें उन्हें 1200 किलो का उत्पादन प्राप्त होता है। वहीं किसान ने बताया है कि उनके पास बरबरी प्रजाति का बकरी और दो देसी नस्ल की गया है जिनके गोबर को वह खाद की तरह इस्तेमाल करते हैं। वहीं उन्हें प्राप्त होने वाले दूध को वह शहर जाकर बेचते हैं।
इन व्यवसायों को मिलाकर रवि रंजन हर महीने में 40 हजार रुपए का लाभ ले रहे हैं। साथ ही रवि रंजन को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ इसके साथ मिल रहा है। अगर आप भी इस तरह की खेती करते हैं तो अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इसमें 7 लाख 50 हजार रुपए के योजना में 40% की सब्सिडी दी जा रही है। योजना के मुताबिक एक्वा फिल्टर के जरिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर सकते हैं।
ये हैं जिले के नाम
यहां किसान बहुत ही कम उम्र में इस तरह की खेती से लाखों रुपये कमा रहे हैं। गया और आसपास के जिले के लोग अगर मछली, मुर्गी या बकरी खरीदना चाहते हैं तो रवि रंजन से 6207962398 बात कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
किसान ने कहा है कि वह इस मामले में आपको बहुत मदद करेंगे। रवि रंजन जब 10वीं क्लास में थे उस समय से ही उन्होंने इस काम को करने का फैसला ले लिया था। अब वह बड़े टैंक में मछली पालन कर लाखों की कमाई कर रहे हैं।
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